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यूको बैंक का पता

यूको बैंक का संक्षिप्‍त परिचय

सन् 1943 में स्थापित यूको बैंक एक वाणिज्य बैंक है और भारत सरकार का उपक्रम है। हम 1943 से समाज की सेवा में लगे हुए हैं। हमारे 42 अंचल कार्यालयों के अंतर्गत लगभग 3000 सेवा केंद्र पूरे देश में फैले हुए हैं। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दो बड़े वित्तीय केंद्रों अर्थात हांगकांग एवं सिंगापुर में अपना कारोबार करते हैं। पूरे विश्व में हमारी संपर्की एजेंसी व्यवस्था है। हम भारत के 50 से अधिक केन्द्रों पर विदेशी मुद्रा का कारोबार करते हैं। 

  

श्री अश्विनी कुमार

प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी

श्री राजेंद्र कुमार साबू

कार्यपालक निदेशक

हमारा विज़न विवरण

एक ऐसी विश्वस्तरीय वित्तीय संस्था के रूप में सामने आना जो अत्यंत विश्वस्त और प्रशंसनीय हो तथा जिसे प्रत्येक ग्राहक व निवेशक बहुत पसंद करते हों एवं जिस पर उसके कर्मचारियों को गर्व हो।

यूको मिशन

कर्मचारियों की कार्यकुशलता बढ़ाकर उनकी प्रभावी सहभागिता से एवं नवीनतम प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा कारोबार तथा लाभप्रदता में सतत वृद्धि करते हुए एवं सर्वोत्तम ग्राहक सेवा प्रदान कर सामाजिक-आर्थिक दायित्वों को पूरा करने हेतु सर्वोत्कृष्ट श्रेणी का बैंक कहलाना।

यूको राजभाषा मिशन

राजभाषा के क्षेत्र में सर्वोत्‍कृष्‍ट श्रेणी का बैंक बनने हेतु, बैंक के सभी स्‍टाफ सदस्‍यों को राजभाषा कार्यान्‍वयन की दिशा में प्रेरणा, प्रोत्‍साहन एवं सद्भावना द्वारा दृढ़तापूर्वक सक्रिय कर एवं राजभाषा नीति का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करते हुए नवीनतम प्रौद्योगिकी को राजभाषा से जोड़कर बैंकिंग को जन-उन्‍मुख बनाते हुए बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करना।

यूको राजभाषा प्रतिज्ञा

हम यूको बैंक के स्‍टाफ-सदस्‍य, सत्‍यनिष्‍ठा से प्रतिज्ञा करते हैं कि हम भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुपालन हेतु निरंतर कार्य करेंगे। हम अपने बैंक में राजभाषा कार्यान्‍वयन में गति लाने एवं उसकी स्थिति को उन्‍नत करने के प्रति सदैव सजग रहेंगे। हम अपने सामूहिक प्रयास से राजभाषा के क्षेत्र में अपने बैंक को गौरवशाली बनाएंगे। हम स्‍वयं राजभाषा में दृढ़तपूर्वक कार्य करेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे। हम यह प्रतिज्ञा भी करते हैं कि हम राजभाषा अधिनियम, राजभाषा नियमों के उपबंधों एवं वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्‍यों को पूरा करके राजभाषा कार्यान्‍वयन के क्षेत्र में भी यूको बैंक को सर्वोत्‍कृष्‍ट श्रेणी का बैंक बनाएंगे।  

इतिहास

सन् 1942 के ऐतिहासिक ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के बाद भारतीय औद्योगिक पुनर्जागरण के प्रवर पुरोधा श्री घनश्याम दास बिड़ला ने एक पूर्णत: भारतीय बैंक की परिकल्पना की थी, जिसके तहत कोलकाता में 6 जनवरी, 1943 को दि यूनाइटेड कमर्शियल बैंक लिमिटेड की स्थापना हुई। 19 जुलाई, 1969 को भारत सरकार के शत-प्रतिशत स्वामित्व के साथ हमारा बैंक यूनाईटेड कमर्शियल बैंक के नाम से राष्ट्रीयकृत हुआ। वर्ष 2003-04 के दौरान बैंक रु. 200 करोड़ का आईपीओ लेकर बाजार में आया और अब यह एक सूचीबद्ध कंपनी है। 31.03.2012 की स्थिति को बैंक में सरकार की शेयरधारिता 65.19 प्रतिशत थी। विकास की पृष्ठभूमि में व्यावसायिक प्रगति के लिए सन् 1972 में बैंक का सांगठनिक पुनर्गठन हुआ। सरकार के गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों पर अमल के मामले में बैंक ने अनेक कीर्तिमान स्‍थापित किए हैं। वर्ष 1983 में बैंक के संयोजकत्व में ओडिशा एवं हिमाचल प्रदेश में राज्य-स्तरीय बैंकर्स समिति की स्थापना की गई। वर्ष 1985 में बैंक के इतिहास में एक नया अध्याय तब जुड़ा जब संसद के अधिनियम के तहत इसका नाम परिवर्तित कर यूको बैंक रखा गया। यूको बैंक ने एक लंबी यात्रा तय की है और अपनी समस्त आंतरिक क्षमताओं के कारण यह ग्राहकों का मित्र बैंक तथा निपुण बैंकर का प्रतीक बन गया है। यूको बैंक का प्रतीक वाक्‍य है : सम्मान आपके विश्वास का।

संघ की राजभाषा हिंदी के प्रयोग के क्षेत्र में बढ़ते कदम...  

कोलकाता, अजमेर एवं रूप नगर (पंजाब) की नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समितियों की अध्‍यक्षता यूको बैंक को दी गई है, जिनका संचालन इस प्रकार किया जा रहा है कि सभी सदस्‍य बैंकों के राजभाषा प्रभारी स्‍वयं को सदस्‍य सचिव के समकक्ष समझें। हिंदी वेबसाइट के अलावा इंट्रानेट “यूको ऑनलाइन राजभाषा” के माध्‍यम से पूरे देश के कार्मिकों को राजभाषा हिंदी से संबंधित त्‍वरित सेवाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। इंट्रानेट पर प्रधान कार्यालय तथा प्रत्‍येक अंचल द्वारा प्रकाशित ई-पत्रिकाएं डाउनलोड के लिए उपलब्‍ध हैं। प्रेमचंद जैसे प्रसिद्ध साहित्‍यकारों की पुस्‍तकें / रचनाएं, यूनिकोड संबंधी सॉफ्ट उपकरण, द्विभाषी फार्म एवं फार्मेट आदि विशद सामग्री सहज उपलब्‍ध होने के कारण “यूको ऑनलाइन राजभाषा” यूको बैंक के कार्मिकों के लिए आकर्षण का केन्‍द्र बन गया है। प्रधान कार्यालय द्वारा प्रकाशित दो पत्रिकाओं में से “यूको टॉवर” एक द्विभाषी पत्रिका है, जबकि “अनुगूंज” केवल हिंदी की पत्रिका है। सभी 42 अंचल कार्यालयों में राजभाषा अधिकारी पदस्‍थ हैं। सभी अंचलों द्वारा हिंदी ई-पत्रिकाएं प्रकाशित की जा रही हैं, जिनमें अंचल कार्यालय, नई दिल्‍ली द्वारा प्रकाशित ई-पत्रिका “यूको इंद्रप्रस्‍थ” का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। बैंक के सभी अंचलों में प्रत्‍येक तिमाही की एक निश्चित तारीख को एक साथ हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। हिंदी निरीक्षण एवं हिंदीतर भाषी क्षेत्रों में हिंदी प्रशिक्षण नियमित रूप से किए जा रहे हैं। प्रत्‍येक वर्ष अखिल भारतीय राजभाषा अधिकारी सम्‍मेलन का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत चेन्‍नई, मुंबई, कोलकाता सहित देश के कई नगरों में आयोजित सम्‍मेलनों में स्‍थानीय हिंदी विद्वानों को आमंत्रित एवं सम्‍मानित किया गया। यूको बैंक द्वारा अनेक अखिल भारतीय सेमिनार आयोजित किए गए हैं और राजभाषा के क्षेत्र में कई उल्‍लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की गई हैं।

 







दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति

भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के तत्‍वावधान में दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति का गठन किया गया है । समिति के संयोजन का दायित्‍व पंजाब नैशनल बैंक के पास है । समिति की उदघाटन बैठक दिनांक 28 सितम्‍बर, 1994 को आयोजित की गई जिसका उदघाटन भारत सरकार, गृह मंत्रालय में केंद्रीय उप गृह मंत्री, माननीय श्री राम लाल राही ने किया ।


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