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नाबार्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, नई दिल्ली

हिन्दी दिवस समारोह और हिन्दी पखवाड़े का आयोजन -2024

दिनांक : 01 अक्तूबर, 2024

नाबार्ड, नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 17 सितम्बर से 30 सितम्बर, 2024 तक ‘हिन्दी पखवाड़ा’ का आयोजन किया गया, जिसमें सभी स्टाफ सदस्यों के लिए कुल 03 हिन्दी प्रतियोगिताएं का आयोजन किया गया. आयोजित प्रतियोगिताओं का विवरण इस प्रकार है :-

क्र सं

प्रतियोगिता का नाम

दिनांक

1

सुलेख प्रतियोगिता- ग्रुप ‘सी’ स्टाफ के लिए

20.09.2024

2

राजभाषा प्रश्नमंच (क्विज) प्रतियोगिता-सभी स्टाफ-सदस्यों के लिए

23.09.2024

3

हिन्दी आशुभाषण प्रतियोगिता - सभी स्टाफ -सदस्यों के लिए

25.09.2024

हिन्दी समारोह का आयोजन दिनांक 30 सितंबर 2024 को श्री एस एस वसीहरन  , महाप्रबंधक/ प्रभारी अधिकारी की अध्यक्षता में किया गया. कार्यालय में उपस्थित सभी स्टाफ –सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया. इस अवसर पर श्री अमृत कुमार, सहायक प्रबन्धक ने माननीय गृह-मंत्री महोदय और श्री नीरज वछेर, सहायक महाप्रबन्धक ने  नाबार्ड के अध्यक्ष महोदय के संदेशों का पाठ किया. इस अवसर पर श्री एस एस वसीहरन, महाप्रबंधक/ प्रभारी अधिकारी ने मुख्य व्यक्तव्य में सभी स्टाफ सदस्यों को हिन्दी पखवाड़ा के सफल आयोजन पर बधाई दी और हिन्दी पखवाड़े के दौरान सभी स्टाफ-सदस्य द्वारा बढ़-चढ़ कर हिन्दी प्रतियोगिता में भाग लेने पर प्रशंसा की.

इसके उपरांत पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया और सभी प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को प्रभारी अधिकारी महोदय द्वारा पुरस्कृत किया गया.

धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए श्री ऋषभ सिंह ठाकुर ,सहायक महाप्रबंधक ने क्षेत्रीय कार्यालय में राजभाषा अनुभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए सभी लोगों को हिन्दी में अधिक से अधिक कार्य करने हेतु प्रेरित किया. 

 

 

 

 

 

 

 

 
  नाबार्ड - सामान्य जानकारी 
उद्भव  Genesis
       
 
संसद द्वारा पारित अधिनियम के तहत राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना 12 जुलाई 1982 को की गई. नाबार्ड बनने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक के कृषि ऋण कार्य और तत्कालीन कृषि पुनर्वित्त और विकास निगम (कृपुविनि) के पुनर्वित्त कार्य, नाबार्ड को अंतरित कर दिए गए.
 
  ध्येय  Mission  
 
प्रभावी ऋण सहायता, संबंधित सेवाओं, संस्था विकास और अन्य नवोन्मेषी पहलों के माध्यम से कृषि और ग्रामीण समृद्वि का दीर्घकालीन एवं सम्यक़ संवर्धन
 
     
  अधिदेश  Mandate  
 
नाबार्ड की स्थापना भारत सरकार द्वारा एक विकास बैंक के रूप में की गई है. इसे अधिदेश दिया गया है कि यह समन्वित ग्रामीण विकास और ग्रामीण इलाकों की समृद्वि सुनिश्चित करने के उट्ठेश्य से इन इलाकों में कृषि, लघु उद्योगों, कुटीर एवं ग्रामोद्योगों, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामीण शिल्प कलाओं के साथ-साथ अन्य आर्थिक गतिविधियों के विकास और संवर्धन हेतु ऋण और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराए और उनका विनियमन करे.
 
     
  उट्ठेश्य Objectives  
 
कृषि, ग्रामीण बुनियादी ढाँचे और ग्रामीण विकास के लिए ऋण प्रवाह को सुगम बनाना
ग्रामीण विकास हेतु अनुकूल नीतियों, पध्दतियों एवं नवोन्मेषी प्रणालियों का संवर्धन
संस्थागत विकास के माध्यम से ग्रामीण ऋण वितरण प्रणाली को मजबूत बनाना
ग्रामीण वित्तीय संस्थाओं का पर्यवेक्षण (सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक)
परामर्श सेवाएंबैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक)
  परामर्श सेवाएं
 
     
 
ग्राहक संथाएं Client Institutions
ऋण संबंधी Credit Related विकासोन्मुखी Development Oriented
अनुसूचित वाणिज्य बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
राज्य सहकारी (रास) बैंक और जिला मध्यवर्ती सहकारी (जिमस) बैंक
राज्य सहकारी (रास) बैंक और जिला मध्यवर्ती सहकारी (जिमस) बैंक
राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
गैर सरकारी संगठन और स्वैच्छिक एजेंसियां
प्राथमिक शहरी सहकारी बैंक
ग्रामीण विकास और स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान
       
       
       
 
 

नाबार्ड के कार्यों की एक झलक NABARD's functions at glance

 
       
   
कृषि और अनुषंगी क्षेत्रों, ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र आदि के तहत बैंक ऋण के माध्यम से विकास हेतु उपलब्ध दोहन योग्य संभाव्यताओं को स्पष्ट इंगित करने हुए वार्षिक जिला-वार संभाव्यतायुक्त ऋण योजनाएं (पीएलपी) तैयारकरना
संभाव्यतायुक्त ऋण योजनाओं के आधार पर राज्य फोकस पेपर तैयार कर
ग्रामीण वित्तीय संस्थाओं के लिए नीति और परिचालन दिशानिर्देश जारी करना
कृषि और अनुषंगी क्षेत्रों को आधार स्तरीय ऋण प्रवाह का अनुप्रवर्तन करना
जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सरकारी एजेंसियों और विभागों के साथ समन्वय करना
   
ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश एवं उत्पादन उट्ठेश्यों के वित्तपोषण के लिए ग्रामीण वित्तीय संस्थाओं को ऋण एवं अग्रिम के माध्यम से पुनर्वित्त देना
ग्रामीण इलाकों में समाजोपयोगी आधारभूत सुविधाओं सहित अन्य आवश्यक आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ सहकारी संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकारों को ऋण देना
गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अन्य औपचारिक तथा अनौपचारिक एजेंसियों को सूक्ष्म वित्त नवोन्मेषों के लिए सहायता देना
वित्तपोषित परियोजनाओं का अनुप्रवर्तन एवं मूल्यांकन
वित्तीय संस्थाओं के साथ मिलकर सह-वित्तपोषण
   
ग्राहक संस्थाओं का क्षमता निर्माण
ग्रामीण विकास और ऋण वितरण हेतु नवोन्मेषी और नए मॉडलों / पध्दतियों में प्रयोग के लिए सहायता देना
नवोन्मेषी उत्पादों और विचारों का प्रसार
अनुसंधान और विकास के लिए सहायता
ग्राहक संगठनों के पुनरुथान सहित उनका संस्थागत विकास
ग्रामीण ऋण के संबंध में नीतियों के निर्धारण में भारतीय रिज़र्व बैंक / भारत सरकार की सहायता करना
सूक्ष्म ऋण नवोन्मेषों का संवर्धन
कृषक क्लब, संयुक्त देयता समूहों और काश्तकारों (टेनेंट कृषकों) का संवर्धन
ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र का संवर्धन (आरएनएफएस)
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का संवर्धन
परामर्श सेवाएं
   
सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का प्रत्यक्ष निरीक्षण सहकारी बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की वित्तीय स्थिति का अप्रत्यक्ष पर्यवेक्षण
   
राजभाषा संबंधी गतिविधियां
   
 
नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय, नई दिल्ली में 'हिंदी दिवस' के उपलक्ष्य में दिनांक 04.09.2009 से 14.09. 2009 तक धूमधाम से राजभाषा सप्ताह मनाया गया ।
   
 
प्रसंगवश उल्लेखनीय है कि दिनांक 04.09.2009 को हमारे प्रबंध निदेशक महोदय डा. के जी करमाकर ने राजभाषा सप्ताह का उद्धाटन किया । उद्धाटन समारोह के अवसर पर प्रबंध निदेशक महोदय ने सभी स्टाफ सदस्यों का आह्यवान किया कि वे अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करें और हिंदी दिवस के आयोजन को सार्थक बनाएं और यह वचन भी लें कि हिदी न केवल हमारे कामकाज की भाषा बने अपितु हमारे व्यवहार में परिलक्षित भी हो । भारत विविध भाषाओं और सांस्कृतिक विविधताओं का देश है । यहां सभी भाषाओं, धर्मों, सम्प्रदायों व विशेषत: भाषिक दृष्टि से अल्प संख्यकों को अपनी भाषा को अपनाने व उसमें अपनी अभिव्यक्ति करने की पूर्ण आजादी है, इसी बात के मद्देनजर अनेकता में एकता लाने की दृष्टि से हमारे यहां हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता है । यह दिवस अन्य भारतीय भाषाओं के सम्मान का भी दिवस है । देश को एक सूत्र में पिरोने की दिशा में हिंदी एक सशक्त भाषाई कड़ी है , हमें इसे और अधिक मज़बूत करना है ।
   
 
उन्होने कहा कि सभी स्टाफ सदस्य बैंक की गृह पत्रिका ''सृजना'' में अपना योगदान दें और इसके प्रत्येक अंक को बेहतर से बेहतर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. उन्होंने बताया कि बैंकों/वित्तीय संस्थानों की हिन्दी गृह पत्रिकाओं में सृजना का एक प्रमुख स्थान है और हमें इसका यह स्तर बरकरार रखना है. डॉ. करमाकर ने कहा कि पत्राचार का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है किन्तु हिन्दी टिप्पण की तरफ विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. हम छोटे-छोटे नोट हिन्दी में लिख सकते हैं. संसदीय राजभाषा समिति के लिए आशयित सूचना /आंकड़ों को हमें न केवल अद्यतन रखना है बल्कि उनकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देना है. दिल्ली कार्यालय द्वारा शत-प्रतिशत निरीक्षण रिपोर्ट तथा पीएलपी हिन्दी में होने पर डॉ.करमाकर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में भी दिल्ली कार्यालय इसी प्रकार राजभाषा के प्रगामी प्रयोग में अग्रणी रहेगा.
   
 
राजभाषा सप्ताह के दौरान हिंदी आशुभाषण, चित्र आलेख, ग्रुप ''सी'' स्टाफ के लिए प्रतियोगिता तथा खुली पुस्तक प्रतियोगिता आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं । इन प्रतियोगिताओं में सभी स्टाफ सदस्यों ने सक्रिय सहभागिता की । इन प्रतियोगिताओं में कुल 58 प्रतिभागी शामिल हुए । उल्लेखनीय है कि इन प्रतियोगिताओं में कार्यालय के सभी स्टाफ सदस्यों को सम्मिलित होने का अवसर प्रदान किया गया और सभी श्रेणियों (अधिकारी और कर्मचारी) के स्टाफ सदस्यों को सक्रिय सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया गया । प्रसंगवश उल्लेखनीय है कि हिन्दी आशुभाषण और चित्र आलेख प्रतियोगिताओं को मल्टीमीडिया के माध्यम से आयोजित किया गया । इन प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने चित्रों के आधार पर अपने विचार व्यक्त किए । सभी स्टाफ सदस्यों ने इस अभिनव प्रयोग की सराहना की और इस रोचक कार्यक्रम में काफी सक्रियता से सहभागिता की ।
   
 
नई दिल्ली कार्यालय के लिए यह अत्यंत गर्व का विषय है कि राजभाषा सप्ताह के उद्धाटन के साथ-साथ सप्ताह के समापन अवसर पर भी सभी स्टाफ सदस्यों को हमारे प्रबंध निदेशक महोदय की गरिमामयी उपस्थिति का सैभाग्य प्राप्त हुआ । राजभाषा सप्ताह समापन समारोह में भी प्रबंध निदेशक महोदय डा. के जी करमाकर ने सभी स्टाफ सदस्यों का उत्साह वर्धन किया । इस अवसर पर डा क़रमाकर ने अपने संबोधन में स्टाफ सदस्यों से कहा कि हिन्दी सप्ताह/समारोह आदि का आयोजन बहुत अच्छी बात है किन्तु थोड़े-थोड़े अंतराल पर ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाते रहने चाहिएं जिससे कि स्टाफ सदस्यो के मन में हिदी में कार्य करने के प्रति रुचि बनी रहे । उल्लेखनीय है कि डॉ.करमारकर ने पीएलपी को आम आदमी का डॉक्यूमेंट बनाने पर विशेष बल दिया और निर्देश दिए कि पीएलपी (पोटेंशियल लिंक्ड प्लान) की भाषा इतनी सरल होनी चाहिए जो सभी को आसानी से समझ आ सके तभी इसकी सार्थकता सिध्द होगी. उन्होंने कहा कि बीच-बीच में हिन्दी के माध्यम से विभिन्न विषयों पर सेमिनार आयोजित किए जाने चाहिएं. उन्होंने बताया कि हिन्दी में पत्राचार का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है अब ईमेल के माध्यम से भी हिन्दी के प्रयोग में गति आनी चाहिए. हमें हिन्दी प्रयोग में गलतियों से नहीं घबराना चाहिए और भारत सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक कार्य हिन्दी में करना चाहिए. डा क़रमाकर ने अपने कर कमलों से विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए ।
   
 
अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए श्री कुश सप्रू, उप महाप्रबधक ने कहा कि कार्यालय में प्रयोग की जाने वाली भाषा सरल और सुगम होनी चाहिए । यदि कहीं पर आवश्यकता पड़े तो अग्रेजी शब्दों को देवनागरी लिपि में लिखा जाना चाहिए । हिदी भाषा को व्यापार,व्यवसाय और अर्थव्यवस्था की भाषा बनना होगा तभी हमारी हिदी विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाएगी । उन्होने कहा कि हिंदी की राजभाषा के रूप में सार्थकता तभी है जब यह भाषा जन जन की भाषा बने । भाषा ऐसी होनी चाहिए जो रोजगारपरक हो और जो सभी प्रकार के वादों- विवादाें को दूर करे। हमे दूसरी भाषाओं के शब्द अपनाने से भी संकोच नही करना चाहिए । आज का दिन न केवल हिन्दी में कार्य करने के संकल्प करने का दिन है बल्कि सभी भारतीय भाषाओं के गौरव और सम्मान का दिन भी है । उन्होने कहा कि जिन अनुभागों में हिन्दी में अच्छा कार्य हो रहा है अन्य विभागों को भी उनका अनुसरण करना चाहिए और अधिकाधिक कार्य हिन्दी में करना चाहिए । उन्होने कहा कि एपीएस सॉफ्टवेयर से हिंदी में कार्य करना बहुत आसान हो गया है अत: सभी को इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए और अधिकाधिक कार्य हिदी में करना चाहिए । हम सभी को अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व करना चाहिए ।
   
राजभाषा अधिनियम की धारा( 3) 3 का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया गया ।
हिदी में प्राप्त सभी पत्रों का उत्तर हिंदी में दिया गया ।
दिनांक 28.12.2009 को राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आयोजित की गई ।
हमारे कार्यालय में केवल एक ही अधिकारी को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त करना शेष था उन्होने प्राज्ञ परीक्षा पास कर ली है और उन्हे हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त हो गया है । अब कार्यालय में सभी स्टाफ सदस्यों को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान है ।
बैंक के कामकाज में हिंदी में मूल टिप्पण/आलेखन आदि को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2009-10 के लिए नकद पुरस्कार योजना लागू की गई थी । पुरस्कारों का निर्धारण 01 अप्रैल 2009 से 31 जनवरी 2010 तक किए गए हिंदी कार्य के मूल्यांकन के आधार पर है ।
दिनांक 16.02.2010 को भारत सरकार, गृह मंत्रालय; राजभाषा विभाग क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय द्वारा हमारे कार्यालय का राजभाषा संबंधी निरीक्षण किया गया । निराक्षण अधिकारी ने कार्यालय में हिंदी प्रयोग की स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की ।
इसमें ग्रुप 'बी' के सभी कर्मचारी तथा सभी ग्रेड के अधिकारी भाग लेने के पात्र है। शीघ्र ही नकद पुरस्कार वितरित किए जा रहे हैं ।
अंतर माध्यम प्रचार समन्वय समिति (IMPCC) की बैठक में सभी सदस्यों को हमारे बैक की हिंदी गृह पत्रिका ''सृजना'' वितरित की गई
दिल्ली राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों द्वारा ऋण आयोजना सुलभ करवाने हेतु संभाव्यता युक्त योजना ( पीएलपी) हिदी में तैयार की गई जिसकी प्रतियां दिल्ली प्रशासन, भारतीय रिज़र्व बैंक, अग्रणी बैंक अधिकारी अन्य बैंकों को भेजी गई ।
दिल्ली स्टेट कोऑपरेटिव बैंक का निरीक्षण हमारे नाबार्ड क्षेत्रीय कार्याय द्वारा किया गया
स निरीक्षण की रिपोर्ट मूल रूप से हिंदी में तैयार कर के दिल्ली राज्य सहकारी बैक को जारी की गई
सकी प्रतियां भारतीय रिज़र्व बैंक नी दिल्ली, रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसॉयटीज़ नई दिल्ली को भी अग्रेषित की गई ।
क्षेत्रीय कार्यालय को वर्ष 2008-09 के लिए प्रधान कार्यालय की राजभाषा शील्ड योजना के अंतर्गत ''क'' क्षेत्र में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ ।






दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति

भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के तत्‍वावधान में दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति का गठन किया गया है । समिति के संयोजन का दायित्‍व पंजाब नैशनल बैंक के पास है । समिति की उदघाटन बैठक दिनांक 28 सितम्‍बर, 1994 को आयोजित की गई जिसका उदघाटन भारत सरकार, गृह मंत्रालय में केंद्रीय उप गृह मंत्री, माननीय श्री राम लाल राही ने किया ।


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