पंजाब एण्ड सिंध बैंक
प्रधान कार्यालय, राजभाषा विभाग
बैंक का कॉर्पोरेट विज़न: सभी हितधारकों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तकनीकी समझ रखने वाले जीवंत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में देशभर में उभरने का आकांक्षी बैंक ।
बैंक की मिशन स्टेटमैंट: अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए विभिन्न वर्ग के ग्राहकों के लिए नवोन्मेषी उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करना और ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ के लिए अपने आप को पूरे दिल से समर्पित करना।
बैंक को राजभाषा कीर्ति पुरस्कार:
1. भारत के राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोविंद जी के कर–कमलों द्वारा बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री जतिंदरबीर सिंह (आई्.ए.एस) को ‘क’ क्षेत्र की राजभाषा कीर्ति पुरस्कार की प्रथम शील्ड प्रदान की गई । यह प्रथम पुरस्कार हमारे बैंक को वर्ष 2016-17 के दौरान ‘क’ क्षेत्र में राजभाषा नीति के श्रेष्ठ कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं की श्रेणी के अंतर्गत 14 सितंबर 2017 को विज्ञान भवन में पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान प्रदान किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान बैंक के कार्यकारी निदेशक श्री फरीद अहमद, महा प्रबंधक (राजभाषा) श्री वीरेंद्र गुप्ता तथा सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) श्री राजिंदर सिंह बेवली भी विज्ञान भवन में उपस्थित थे।
2. भारत के उपराष्ट्रपति माननीय श्री वैंकेया नायडू जी के कर–कमलों द्वारा बैंक के कार्यकारी निदेशक डॉ. फरीद अहमद निदेशक को ‘क’ क्षेत्र की राजभाषा कीर्ति पुरस्कार की द्वितीय शील्ड प्रदान की गई। यह पुरस्कार वित्तीय वर्ष 2017-18 में बैंक को 'क’ क्षेत्र में राजभाषा नीति के श्रेष्ठ कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं की श्रेणी के अंतर्गत 14 सितंबर 2018 को विज्ञान भवन में पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान प्रदान किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान बैंक के उपमहाप्रबंधक सह मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव भी विज्ञान भवन में उपस्थित रहे।
3. भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, नई दिल्ली द्वारा हमारे बैंक को वर्ष 2019-20 के दौरान राजभाषा नीति के श्रेष्ठ कार्यन्वयन के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं की श्रेणी के अंतर्गत 'क' क्षेत्र का कीर्ति पुरस्कार (द्वितीय)" के लिए चयनित किया गया है।
विशेष पुरस्कार:
1. दिल्ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की ओर से हिंदी पत्रिका ‘पीएसबी राजभाषा अंकुर’ पत्रिका को पिछले तीन वर्षों से लगातार प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
2. हिंदी कार्यनिष्पादन के लिए नराकास द्वारा पिछले तीन वर्षों से लगातार प्रोत्साहन शील्ड प्रदान की गई ।
3. दिल्ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की ओर से ई-पत्रिका "राजदीप" को अपने प्रकाशन के प्रथम वर्ष में ही प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया
4. वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान बैंक की गृह पत्रिका "राजभाषा अंकुर" को राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय रिज़र्व बैंक से प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह पुरस्कार बैंक के कार्यकारी निदेशक महोदय श्री गोविन्द एन डोंग्रे को भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री वी.वी.आचार्य के अपने करकमलों से प्रदान किया।
5. दिल्ली बैंक नराकास के तत्वावधान में वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में बैंक को कुल 17 पुरस्कार प्राप्त हुए।
6. नवंबर-2018 में इंडियन ओवरसीज़ बैंक द्वारा बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के लिए आयोजित अखिल भारतीय अंतर बैंक हिंदी निबंध प्रतियोगिता में बैंक की स्टाफ सदस्या सुश्री स्नेहा जायसवाल को प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त हुआ।
7. यूकों बैंक अखिल भारतीय अंतर-बैंक हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता (हिंदी भाषी वर्ग) में हमारे बैंक के स्टाफ सदस्य श्री शुभम जायसवाल को प्रथम पुरस्कार तथा सुश्री रेखा कुमारी को प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके साथ ही यूकों बैंक अखिल भारतीय अंतर-बैंक हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता (हिंदीतर भाषी वर्ग) में हमारे बैंक के स्टाफ सदस्य श्री मनस्वी गुप्ता को प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त हुआ।
राजभाषा कार्यान्वयन: बैंक, गृह मंत्रालय और वित्तीय सेवाएं विभाग द्वारा जारी राजभाषा संबंधी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करता है। बैंक द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं । बैंक द्वारा ‘अंग्रेज़ी-हिंदी-पंजाबी’ त्रिभाषी शब्दावली का प्रकाशन किया जा चुका है जिसके लिए वित्त मंत्रालय द्वारा प्रशंसा पत्र भी प्राप्त हो चुका है । साथ ही हिंदी कार्यशालाओं के साथ-साथ ‘ख’ तथा ‘ग’ क्षेत्र की शाखाओं के लिए प्रादेशिक भाषा में कार्यशालाओं के लक्ष्य भी आबंटित किए जाते हैं । इसी प्रकार ‘ग’ क्षेत्र के सभी कार्यालयों में हिंदी कार्यशालाओं में स्थानीय भाषा के सत्र लगाए जाने संबंधी आदेश भी दिए गए हैं । बैंक ने अपनी हिंदी पत्रिका ‘राजभाषा अंकुर’ में भी किसी न किसी क्षेत्रीय भाषा की रचना तथा उसका अनुवाद भी प्रकाशित करना प्रारंभ किया है । इस क्रम में अब तक उड़िया, बंगला, संथाली, मराठी, पंजाबी, मणिपुरी, तमिल, असमिया, तेलगु और गुजराती भाषाओं की रचनाओं को प्रकाशित किया जा चुका है । उल्लेखनीय है कि क्षेत्रीय भाषाओं की सभी रचनाओं के साथ-साथ उनका मूल हिंदी रूप भी प्रकाशित किया जाता है । इससे एक ओर हिंदीत्तर भाषा-भाषी स्टाफ सदस्य पत्रिका के साथ अपना जुड़ाव महसूस करते हैं, वहीं दूसरी ओर हिंदी जानने वाले स्टाफ सदस्य उस क्षेत्र विशेष की पृष्ठभूमि व संस्कृति की जानकारी हासिल कर सकते हैं ।
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