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भारतीय निर्यात-आयात बैंक का पता

संस्‍था

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) की स्थापना संसद के एक अधिनियम द्वारा 1981 में की गई थी। इंडिया एक्ज़िम बैंक भारत के विदेश व्यापार के वित्तपोषण, सुगमीकरण तथा संवर्धन के उद्देश्य से स्‍थापित, सरकार के पूर्ण स्वामित्व में एक विशेष वित्तीय संस्‍‍था है। बैंक का परिचालन 1 मार्च, 1982 से आरंभ हुआ।

 

ध्येय

इंडिया एक्ज़िम बैंक का ध्येय भारतीय व्यापार के भूमंडलीकरण को सुगम बनाना है।

अपनी स्थापना के समय से ही बैंक भारत के विदेशी व्यापार एवं निवेश के संवर्धन में एक महत्त्वपूर्ण एवं उत्प्रेरकीय भूमिका निभाता रहा है। बैंक ने विश्व में अन्य निर्यात ॠण एजेंसियों की भांति कार्य प्रारम्भ किया तथा गत वर्षों में स्वयं को एक ऐसी संस्था के रूप में विकसित किया है जो अपनी वि‍भिन्न सेवाओं तथा कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय उद्योग जगत, एवं विशेष रूप से लघु एवं मध्यम उद्यमों के वैश्वीकरण प्रयासों में एक प्रमुख उत्प्रेरकीय भूमिका निभाता है। बैंक निर्यात सेवा-चक्र की प्रत्येक अवस्था में सहायता प्रदान करता है जिनमें प्रौद्योगिकी से लेकर उत्पाद विकास, निर्यात उत्पादन, निर्यात विपणन, प्रीशिपमेंट एवं पोत पोस्‍टशिपमेंट तथा विदेशी निवेश के लिए वित्‍त जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।

उद्देश्य

  • राष्ट्रीय विदेश व्यापार नीतियों को ठोस कार्य बिन्दुओं में रूपान्तरित करना।
  • भारतीय निर्यातकों को वित्‍तीय तथा परामर्शी सहायता प्रदान करना व अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रतिस्पर्धी बनने के उनके प्रयासों में मदद करना।
  • अंतरराष्ट्रीय वित्तीय समुदाय के साथ परस्पर लाभप्रद संबंध विकसित करना।
  • भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर बहस की पहल करना तथा उसमें भाग लेना।
  • बैंकिंग, निर्यात वित्तपोषण तथा सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवोन्‍मेषों पर नजर रखना तथा उन्हें अपनाना।
  • भारतीय निर्यातकों की निर्यात समस्याओं का समाधान करते हुए नीतिगत संकल्पों के अनुसार काम करना

राष्ट्रीय तथा वैश्विक नेटवर्क

  • बैंक का प्रधान कार्यालय मुंबई में है तथा बैंक के भारत में दस कार्यालय हैं, जो क्रमश: अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नै, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नई दिल्ली एवं पुणे में स्थित हैं। विदेशों में बैंक के आठ कार्यालय हैं जो क्रमश: आबिदजान, अदिस अबाबा, ढाका, दुबई, जोहंस्बर्ग, सिंगापुर, वाशिंगटन डी. सी. तथा यांगून में स्थित हैं। बैंक की एक शाखा लंदन में भी है।

 

राजभाषा कार्यान्‍वयन

देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सुगमीकरण के अपने अधिदेश के साथ-साथ राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में भी बैंक सदैव अग्रणी रहा है. भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुरूप बैंक विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए स्टाफ सदस्यों को हिन्दी में काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है ।

बैंक की गृह पत्रिका एक्ज़िमिअस को द्विभाषी गृह पत्रिका श्रेणी में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पुरस्‍कार प्रदान किया गया है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2020-21 से नई दिल्ली कार्यालय से भी एक गृह पत्रिका ‘एक्ज़िम स्पर्श’ का प्रकाशन किया जा रहा है।   

बैंक निर्यात अवसरों पर विभिन्न शोध अध्‍ययन एवं न्‍यूज बुलेटिन आदि प्रकाशित करता है। भारत के अधिक से अधिक लोगों तक यह तकनीकी साहित्य उपलब्ध हो सके इसके लिए बैंक चुनिंदा अधार पर इन्हें हिन्दी में भी प्रकाशित करता है। निर्यात अवसरों पर बैंक के एक तिमाही न्यूज बुलेटिन निर्यात लाभ (एक्स्पोर्ट एड्वांटेज) को अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी में व एक अन्य द्विमासिक न्यूज बुलेटिन कृषि निर्यात लाभ (एग्री एक्स्पोर्ट एड्वांटेज) को हिन्‍दी एवं अंग्रेजी सहित 12 प्रमुख भारतीय भाषाओं में प्रकाशित किया जाता है।

राजभाषा हिन्‍दी के संवर्धन एवं राजभाषा नीति के कार्यान्‍वयन की दिशा में बैंक के प्रयासों को भारत सरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक सहित विभिन्‍न एजेंसियों द्वारा समय-समय पर सराहा गया है।

 

 







दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति

भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के तत्‍वावधान में दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति का गठन किया गया है । समिति के संयोजन का दायित्‍व पंजाब नैशनल बैंक के पास है । समिति की उदघाटन बैठक दिनांक 28 सितम्‍बर, 1994 को आयोजित की गई जिसका उदघाटन भारत सरकार, गृह मंत्रालय में केंद्रीय उप गृह मंत्री, माननीय श्री राम लाल राही ने किया ।


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