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  कैनरा बैंक का पता
 
 
केनरा बैंक में राजभाषा कार्यान्वयन - एक विहंगावलोकन
  • केनरा बैंक  की स्थापना श्री अम्मेम्बाल सुब्बराव पै ने सन् 1906 में की  थी । तब से लेकर  केनरा बैंक  समाज एवं राष्ट्र की सेवा में जुटा हुआ है  और देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है ।
  • हमारे संस्थापक ने, जो एक शिक्षाविद् , मानवप्रेमी , दार्शनिक एवं इन सबसे बढकर एक समाज सुधारक थे , कहा था " एक अच्छा बैंक न केवल समाज का वित्तीय हृदय है , बल्कि आम जनता की आर्थिक स्थिति को सुधारने हेतु हर संभव तरीके से मदद करने का उत्तरदायित्व भी उसका है" । केनरा बैंक ने हमेशा ही इस आदर्श को अपने हृदय से लगा रखा है और अपने कार्य में इसे अंजाम देने की कोशिश करता आया है । राष्ट्र निर्माण में एक कारपोरेट नागरिक की भूमिका निभाते हुए यह संस्था इस वर्ष अपने अस्तित्व के सौ  वर्ष पार कर चुकी है ।
  • बैंक आम आदमी की सेवा उसी की भाषा में करने पर हमेशा जोर देता आया है । इस भाषाई चेतना ने राजभाषा हिन्दी के कार्यान्वयन की दिशा में एक ठोस आधार प्रदान किया है । यह तो जग-जाहिर है कि राजभाषा कार्यान्वयन  के क्षेत्र में शुरू से लेकर केनरा बैंक ने उपलब्धियों और पुरस्कारों से अपने आप को समृद्ध किया है । इस वेकासयात्रा के कुछ महत्वपूर्ण पड़ाव निम्नांकित हैं:
  • वर्ष 1973 में बैंक के प्रधान कार्यालय में संगठन व पद्धति अनुभाग के अधीन "हिन्दी  कक्ष " का गठन।
  • वर्ष 1974 में प्रधान कार्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया, जिसकी पहली बैठक दिनांक 21 05 1974 को आयोजित की गयी ।
  • 1974 से बैंक के प्रधान कार्यालय में हिन्दी शिक्षण योजना के अंतर्गत कक्षाएँ प्रारंभ की गयीं। 1974 में ही बैंक में सर्वप्रथम एक राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति की गयी ।
  • वर्ष 1977 में संसदीय राजभाषा समिति द्वारा पहली बार हमारे बैंक का निरीक्षण ।
  • 1979 में बैंक में प्रधान कार्यालय का राजभाषा कक्ष एक स्वतंत्र अनुभाग के रूप में स्तरोन्नत।
  • उस वर्ष से बैंक की गृह पत्रिका "श्रेयस " में हिन्दी खंड का शुभारंभ हुआ  और हिन्दी कार्यशालाओं  का आयोजन प्रारंभ।
  • वर्ष 1981 में बैंक के राजभाषा अधिकारियों का प्रथम सम्मेलन बेंगलूर में आयोजित किया गया । तब से नियमित रूप से हर वर्ष आयोजित किये जा रहे ये सम्मेलन बैंक में राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आये हैं ।
  • शाखाओं/कार्यालयों के बीच स्वस्थ प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए "केनरा बैंक राजभाषा अक्षय योजना " का शुभारंभ किया गया, जिसके अंतर्गत बेहतरीन कार्य करनेवाली शाखाओं और कार्यालयों को पुरस्कार देने की परंपरा आज भी कायम है ।
  • हिन्दी में काम करनेवाले कर्मचारियों को सम्मानित एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 1994 में "केनरा बैंक राजभाषा पुरस्कार योजना " की शुरुआत की गई । 
  • 1996 से केनबैंक हिन्दी पत्राचार पाठ्यक्रम  नामक अपना पत्राचार  प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आरम्भ किया जो अत्यंत सफल साबित हुआ है । इस पाठ्यक्रम के तहत हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान न रखनेवाले कर्मचारियों को बैंकिंग प्राज्ञ की पाठचर्या के अंतर्गत पाठ उनके कार्यस्थल पर पहुँचाये जाते हैं और उनके द्वारा हल किये गये अभ्यासों की जाँच करके उनको मार्गदर्शन दिया जाता है । दस माह के निरंतर अनुवर्तन के दौरान दो बार उनके लिए संपर्क कक्षाओं का आयोजन भी किया जाता है ।
हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान न रखनेवाले अपने कर्मचारियों को हिन्दी में प्रशिक्षण प्रदान करने के  लिए  उपर्युक्त के अलावा बैंक कई उपाय कर रहा है जिनमें  कुछ प्रस्तुत हैं :
  • स्थानीय हिन्दी शिक्षण योजनाओं की सेवाओं का भरपूर  उपयोग
  • भारत सरकार द्वारा संचालित पत्राचार पाठ्यक्रम में भागीदारी
  • निजी अध्यापकों को नियुक्त करके कक्षाओं का आयोजन
  • सी डैक पुणे द्वारा विकसित लीला प्रबोध व लीला प्रवीण साफ्टवेयरों का प्रयोग विशेषकर तमिलनाडु राज्य में
  • स्थानीय बैंकों /संस्थाओं के साथ मिलकर संयुक्त प्रशिक्षण
साथ ही हिन्दी में कार्यसाधक ज्ञान रखनेवाले कर्मचारियों को अपना दैनंदिन काम हिन्दी में करने के लिए मदद देने के उद्देश्य से बैंक द्वारा निम्नांकित पहल की जा रही है :
  • अलग अलग केद्रों में प्रत्येक तिमाही में हिन्दी कार्याशालाएँ
  • कार्योन्मुख प्रशिक्षण  (आन दि जॉब )
  • संगोष्ठियाँ एवं सम्मेलन
  • राजभाषा प्रतिनिधियों की वार्षिक बैठकें
  • बैंकिंग संबंधी कई नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम खासकर क्षेत्र "क" एवं "ख" में  हिन्दी माध्यम से
  • नियमित सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राजभाषा कार्यान्वयन पर सत्र
  • हिन्दी टंकण व आशुलिपि प्रशिक्षण के लिए आंतरिक व्यवस्था
  • शैक्षिक श्रुजंखलाएँ
  • हिन्दी साफ्टवेयर के प्रयोग  हेतु राजभाषा कंप्यूटर कार्यशाला
  • हिन्दी अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • तिरुवनंतपुरम (1985 से) एवं कोयंबत्तूर (2000 से) में हमारा बैंक  नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बैंक) के संयोजक की भूमिका निभा रहा है ।
   






दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति

भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के तत्‍वावधान में दिल्‍ली बैंक नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति का गठन किया गया है । समिति के संयोजन का दायित्‍व पंजाब नैशनल बैंक के पास है । समिति की उदघाटन बैठक दिनांक 28 सितम्‍बर, 1994 को आयोजित की गई जिसका उदघाटन भारत सरकार, गृह मंत्रालय में केंद्रीय उप गृह मंत्री, माननीय श्री राम लाल राही ने किया ।


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